कार्यालयी हिंदी की संकल्पना-----
विश्व की विद्यमान भाषाओं में हिंदी भाषा एक समृद्ध भाषा है। आधुनिक युग मैं वैश्विक फलक पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रसार के साथ-साथ भाषा का अंतर प्रभाव में निरंतर वृद्धि होती गई है। हिंदी भाषा निरंतर प्रयोग करने के रूप में जन मानस के सम्मुख प्रस्तुत की गई मुगलों के समय राजकाज की भाषा फारसी अरबी शैली प्रधान कुडूम थी। अंग्रेजों की शासनकाल में राजकाल की भाषा अंग्रेजी और निचले स्तर पर उर्दू भाषा थी स्वतंत्रता के पश्चात भारतीय संविधान में भाग 17 अनुच्छेद 343 से 351 तक राजभाषा के विषय से संबंधित उपबंध कानून दिए गए हैं और हिंदी को राजभाषा के रूप में संविधान में स्वीकार किया गया और इसकी लिपि देवनागरी को संवैधानिक मानता मिली। आज हिंदी भाषा पूरी तरह से साहित्यिक , पत्रकारिता वाणिज्य विज्ञान खेलकूद तथा प्रशासन आदि में प्रयुक्त हो रही है प्रयोग की विविधता के अनुरूप तकनीकी तथा वैज्ञानिक शब्दावली को रखकर भाषा संरचना को बनाया गया कार्यालयी हिंदी की प्रकृति की जांच करें तो कार्यालयी हिंदी में विभिन्न सरकारी और अर्ध सरकारी कार्यालयों में प्रशासनिक परियोजनाओं के लिए हिंदी प्रयुक्त भाषा बनी। सरकारी तथा अर्द्धसरकारी कार्यालय में विभिन्न परियोजनों के शासन व्यवस्था चलाने के लिए सरकारी अंतर में संपूर्ण कार्य किया जाता है। मंत्रालय में हर कार्य के लिए विभाग होती हैं इन मंत्रालय और विभागों को सामान्य रूप से कार्यालय कहा जाता है और इन कार्यालय में प्रयुक्त हिंदी भाषा को कार्यालयी हिंदी कहा जाता है।
आज साहित्यिक क्षेत्र हो अथवा व्यवसायिक पत्रकारिता का क्षेत्र हो या विज्ञान का तकनीकी सभी क्षेत्रों से संबंध कार्यालयो में कार्य करने वाले व्यक्ति कार्यालयी हिंदी का ही प्रयोग करते हैं इसलिए कार्यालयी हिंदी की संकल्पना की आवश्यकता हुई।
23/01/2025
Abhay Maurya
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