Orgin of the earth part 7 || knowledge point by Abhay maurya

 आधुनिकसिद्धांत

बिग बैंग सिद्धांत  -
Knowledge point by Abhay maurya 

इसका प्रतिपादन जॉर्ज लैमेन्ट्रे ने 1894 से 1996 में ब्रह्मांड आकाशगंगा तथा सौरमंडल की उत्पत्ति के लिए किया। 
रॉबर्ट बिगनर ने 1967 में इसकी विशद व्याख्या की जॉर्ज Lemaitre ने ब्रह्मांड आकाशगंगा उनकी सदस्य तारे तथा ग्रहों की उत्पत्ति की समस्या के समाधान के लिए ब्रह्मांड की अदृश्य घटकों अर्थात काले पदार्थो की अवशिष्ट पर आधारित था।
आकाशगंगा के निर्माण के विषय में वैज्ञानिकों के दो वैकल्पिक विचार हैं -
  • काले पदार्थ का अवशिष्ट गर्म या ठंडे रूप में रहा होगा। 
  • गर्म काले पदार्थ की स्थिति में आकाशगंगा में दूर-दूर होंगे जबकि ठंडे पदार्थों की स्थिति में झुंड में होंगे।
इस सिद्धांत के अनुसार ब्रह्मांड की उत्पत्ति 15 अरब वर्ष पहले घने पदार्थ वाले विशाल अग्नि पिंड की आकस्मिक जोरदार विस्फोट से तथा उससे उत्पन्न विकिरण से माना जाता है। 
जॉर्ज Lemaitre के अनुसार 15 अब वर्ष पहले एक विशाल अग्निपिंड की रचना जिसकी रचना भारी पदार्थसे हुई है उसने अचानक से विस्फोट हुआ पदार्थ का बिखरा हुआ जिसे सामान्य पदार्थ कहा गया समान्य पदार्थ से काले पदार्थ का निर्माण हुआ उसके बाद काले पदार्थ की आपस में समुहन सी अनेक पिंड बने पिंडों के चारों ओर सामान्य पदार्थ का जमाव हुआ उसके आकारमें वृद्धि हुई जिससे आकाशगंगा बनी। 
प्रारंभ में ब्राह्मण आकार में छोटा था त्वरित गति के बाद उसमें फैलाव होने लगा परिणाम जो आकाशगंगा प्रारंभ में आसपास थी वह निरंतर दूरहोने लगी। 
आज भी ब्रह्मण आकार में फैल रहा है उसकी पदार्थ शीतल हो रहे हैं आकाशगंगा में भयंकर विस्फोट हुआ प्रत्येक आकाशगंगा सितारों का निर्माण हुआ प्रतीक तारोंकी विस्फोट स उत्पन्न पदार्थ के  समुहन से ग्रह का निर्माण हुआ।


स्पीति सिद्धत
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अमेरिका के विद्वान ने 1980 में बिग बैंग सिद्धांत का ब्रह्मांड आकाशगंगा तारे ग्रह की उत्पत्ति को सुलझाने में समर्थ पाया गया स्पीति सिद्धांत का प्रतिपादन किया। 

अलन गुथ की अवधारणा
ब्रह्मांड की दृश्य द्रव्यमान के घनत्व की तुलना में उसका वास्तविक घनत्व बहुत अधिक था इन्होंने ब्रह्मांड में अदृश्य कल पदार्थ का अस्तित्व माना। बिगबांग तथा स्पीतिसिद्धांत में काफी समानता है अंतर इतना है की विशालकाय पिंड के विस्फोट के एक सेकंड के अंदर किस प्रकार की घटना घटित हुई। 
स्पीति सिद्धांत के अनुसार विशालका अग्निपिंड की जोरदार विस्फोट के बद अति अल्पकाल में त्वरितगति सिर्फ फैला हआ एक सेकंड की अल्पाइन्स में ब्रह्मांड के आकार में कईगुना वृद्धि हुई। कलपदार्थ के समुहन से आकाशगंगा बनी आकाशगंगा की विस्फोट से तरे बने तारों की विस्फोटसे समुहन से संगठनसे ग्रह बन।

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