पृथ्वी की उत्पति orgin of earth part 4 || knowledge point by Abhay maurya
जेम्स जिन्स और जेफ्रिज़ की परिकल्पना
1919 में जेम्स और जिन्स 1929 में इसकी परिकल्पना की गई।जेफ्रिज़ महोदय
जंग्स जीन्स एवं जेफीन की परिकल्पना जीन्म ने परिकल्पना सबके अपेक्षा इस परिकल्पना का अधिक महत्व दिया गया। इनको कुछ परिकल्पना कर कल्पना मान्यता पर आधारित था जिसमें
सौरमंडल का निर्माण सूर्य तथा एक अन्य तारों से हआ है। प्रारंभ में सूर्य एक गैस का एक बड़ा गोल था ब्रह्मांड में सूर्य के साथ एक अन्य विशालकाय साथी तारा था।
सूर्य अपनेस्थान पर स्थिर एवं अपनी दूरी पर घूम रहा था विशालकायसाथी तारा अपने पथ पर चलती हुई सूर्य की निकट पहुंचा।
साथी तारा आकार एवं आयतनमें सूर्य से बहुत बड़ा था। साथी तारे की सूर्य की निकट पहुंचने पर आकर्षण शक्ति उत्पन्न हुई जिससे सूर्य में ज्वार की उत्पत्तिहुई जिससे साथी तारेकी आकर्षण शक्ति के सूर्य की ज्वार शिगार के रूप में उत्पन्न हुआ इसे फिलामेंटभी कहा जाता हैं। यह फिलामेंट सूर्यसे निकलकर साथी तारे के पास पहुंचताहै उसके पहले वह साथी तारा सूर्य की कक्षासे बाहर चलाजाता है और तारेके पास नहीं पहुंचपता है।
सूर्यकी आकर्षण शक्ति से भी बाहरचला गया। अर्थात सूर्य की परिक्रमा करने लगा तथा शिगार का बीचका भाग भरा हुआ था और किनारे का भाग नुकीला था।
समस्याएं
- फिलामेंट से ग्रह की उत्पत्ति
- इन्होंने कहा फिलामेंट धीरे-धीरे शीतल हआ
- संकुचन की क्रिया हुई
- कई भागों मेंटूटना
- ठंडी एवंघनीभूत होकर ग्रह बन गई।
पक्ष में मत
- ग्रहों का क्रम एवं आकर
- उपग्रह की संरचना एवं आकर
- उपग्रह का क्रम.
मूल्यांकन
- बी लेकिन के अनुसार तारों के बीच की दूरी अधिक थी उसमें पार्सपारीक टकराव की संभावना कम थी और में जवारे उद्वेदनके बाद तारा कहांचला गया सूर्य से निकले पदार्थ की घनी भवन कैसे हुआ।
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