पृथ्वी की आंतरिक संरचना पार्ट 2
परंपरागत विद्वानों के अनुसार
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Knowledge point by Abhay maurya |
ग्रहणु परिकल्पना - चैंबरलिन
ज्वारीय परिकल्पना -जेम्स, जींस, जेफ्रिज में तरल अवस्था में माना
लाप्लास- तरल
जोर परिजरित्तर - गैस
✶ स्वेस ने पृथ्वी की तीन प्ररते माना - सियाल , सीमा, nirf
घनत्व 2.9--- सियास
सीमा - 2.9--4.7
जेफीज ने पुश्ती के 4 परत माना
A - बाह्य परत - परतदार शैल से
B- द्वितीय परत- ग्रेनाइटसे
C- तृतीय परत - डायोराइट
D- पेरिडॉटाइड एवं डूनाटाइट से बनी है।
आर्थर होम्स ने दो परत मानी है
1. कस्ट
2. सबस्टैटम
डाली वैज्ञानिकने तीन परत मानी है
1. बाह्य -सिलिकेट से बना
2. मध्यवर्ती - लोहा और सिलीकेट से बना
3. केंद्रीय -ठोस और भारी पदार्थ से बना।
**भारत में 6 सीस्मोग्राफ सेंटर हैं -
1. पुणे
2. मुंबई
3. दिल्ली.
4. देहरादून
5. कोलकाता
6. गुवाहटी
भारतीय मानक ब्यूरो ने 1962 मैं भारत का पहला भूकंप मापनचित्र बनाया।
भूकंप का मापन स्केल
1. मारकेली - 1--2 अंक
2. रिम्टर -- 1--9 अंक हर अगली संख्या पिछली की 10 गुना ज़्यादा आयाम अंकित करता है।
भूकंप तरंगे
👉 ओल्डहम ने तीन पृथक तरंग P , S , L बताया
👉 L तरंग पृष्ठ तरंग होती है।
👉 विद्वान लव ने L तरंगकी उत्पत्ति P,S तरंगसे की है।
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