कार्यालयी हिंदी के संभावनाए ||knowledge point By Abhay Maurya

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कार्यालयी हिंदी के संभावनाए :-

वर्तमान में कार्यालयी हिंदी के संभावनाएं अत्यंत प्रबल है क्योंकि हिंदी के देवनागरी लिपि पूर्णतया वैज्ञानिक है इसमें जो बोला जाता है वही लिखा जाता है। आज भाषा हिंदी सर्वाधिक भारत मैं बोले जाने वाली और समझने वाली सबसे बड़ीभाषा है खड़ी बोली के रूप में
हिंदी आज मानक हिंदी के तौर पर मान्यता प्राप्त है उसे प्रशासन की भाषा अर्थात राजभाषा के रूप में संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त है संविधान समिति ने कार्यालयी हिंदी अर्थात राजभाषा की संदर्भ में सिफारिश करते हुए कहा है प्रत्येक भाषाभाषी को अपनी माटी भाषा की अतिरिक्त कम से कम एक भाषा का ज्ञान अर्जित करना पड़ेगा इसके परिणाम स्वरुप अंग्रेजी के साथ-साथ कार्यालयी हिंदी के प्रयोग को आगे बढ़ाने तथा इसकी संभावनाओं पर समिति ने जो सुझाव दिए थे उसकी आधार पर सभी मंत्रालयों को कार्यालयी हिंदी के प्रयोग करने की सलाह दी।
1. जनता से ज पत्र आदि मिले विशेष रूप से हिंदी में उसके उत्तर जहां तक संभव हो हिंदी भाषा में ही दिया जाए।
2. प्रशासनिक रिपोर्ट सरकारी पत्रिकाओं तथा संसद में प्रयुक्त की जाने वाली रिपोर्ट आदि को यथासंभव अंग्रेजी और हिंदी दोनों में ही प्रकाशित किया जाए।
3. सरकारी संकल्पना विधायक अधिनियम की यथासंभव अंग्रेजी और कार्यालय हिंदी में जारी किया जाए किंतु इन पर बात स्पष्ट लिख देना चाहिए की अंग्रेजी पाठ ही प्रमाण माना जाएगा। 
4. 
क्योंकि नाराज हो में हिंदी भाषा को अपनी राजभाषा के रूप में मान लिया है उसकी पत्र व्यवहार हिंदी में ही किया जाए।
5. कार्यालय हिंदी से संबंधित संविधान की प्रबंध का अनुपालन करने के लिए उपयुक्त तरीके के अनुसार काम शुरू करने से पहले राष्ट्रपति का आदेश ले लेना चाहिए। 

ऊपर एक सुझावों की आधार पर कार्यालय हिंदी की संभावनाओं को बोल देते हुए अनेक राज्यों ने हिंदी को राजभाषा के रूप में अपनी स्वीकृति प्रदान की भारतीय संविधान की भाग 17 अनुच्छेद 343 से 351 तक हिंदी भाषा के विषय में प्रावधान दिया गया है। 
आज का युग कंप्यूटर का युग है इस क्षेत्र में भी हिंदी पीछे नहीं है कंप्यूटर पर हिंदी से संबंधित मित्र नहीं प्रयोग हो रहे हैं फोंट आदि की समस्या के निदान हेतु यूनिकोड लाया गया है आज हिंदी में ईमेल आसानी से भेज सकती हैं और लगभग सभी तरह की तकनीकी कार्य आसानी से कर सकते हैं भारत कार्यालय एवं में हिंदी के कामकाज करने के लिए राजभाषा अधिनियम 1963 व राजभाषा अधिनियम 1976 बनाए गए जिनकी अध्यक्षता की भारत सरकार के तत्कालीन गृह मंत्री ने की है चीन से कार्यालय हिंदी की संभावनाएं व और ज्यादा बढ़ गई है इस प्रकार हम कर सकते हैं कि भारतवर्ष में कार्यालय हिंदी में संभावना हैं।

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