छठ पूजा की सम्पूर्ण जानकारी
छठ पूजा का महत्व
छठ पूजा में सूर्य देवता की आराधना का विशेष महत्व है। इस पूजा से जीवन में सुख, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की कामना पूरी होती है।
छठ पूजा का इतिहास
- रामायण: भगवान राम और सीता ने अयोध्या लौटकर कार्तिक माह में छठ व्रत का पालन किया था।
- महाभारत: सूर्य पुत्र कर्ण ने भी प्रतिदिन सूर्य की उपासना की थी, जिससे उन्हें विशेष शक्तियाँ प्राप्त थीं।
छठ पूजा की विधि
- पहला दिन: नहाय खाय - व्रती पवित्र स्नान करके सात्विक भोजन करता है।
- दूसरा दिन: खरना - व्रती दिन भर उपवास रखकर सूर्यास्त के बाद प्रसाद ग्रहण करता है।
- तीसरा दिन: संध्या अर्घ्य - व्रती अस्त होते सूर्य को जल में खड़े होकर अर्घ्य देता है।
- चौथा दिन: उषा अर्घ्य - व्रती उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन करता है।
छठ पूजा के प्रमुख प्रसाद
छठ पूजा में विशेष प्रकार के प्रसाद बनाए जाते हैं जैसे ठेकुआ, गन्ना, नारियल, चावल के लड्डू और केला। ये सभी प्रसाद सूर्य देव और छठी माईया को अर्पित किए जाते हैं।
छठ पूजा के पर्यावरणीय लाभ
छठ पूजा जलाशयों के किनारे की जाती है, जिससे जल की स्वच्छता का ध्यान रखा जाता है। पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए किसी भी हानिकारक वस्तु का प्रयोग नहीं किया जाता है।
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